ब्रैड के पीस के किनारे काटकर उसे बेलन से बेलकर एक तरफ रख लीजिए। भरने के लिए पानी रहित दही में
नी, गाजर, श्मिला मिर्च, टमाटर, हरी मिर्च, हरा धनिया।। नमक और काली मिर्च डालकर अच्छी तरह मिलिए और मिश्रण बना लें।
ब्रैड के पीस के किनारे काटकर उसे बेलन से बेलकर एक तरफ रख लीजिए। भरने के लिए पानी रहित दही में
नी, गाजर, श्मिला मिर्च, टमाटर, हरी मिर्च, हरा धनिया।। नमक और काली मिर्च डालकर अच्छी तरह मिलिए और मिश्रण बना लें।
एक बरतन में दही, नमक लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर,अदरक -लहसुन पेस्ट,गरम मसाला पाउडर,कस्तूरी मेथी, तेल और फ़ूड कलर डालें। अच्छी तरह से मिलाएं। बोनलेस चिकन को धोकर इस घोल में डालें और मिलाएं। टमाटर के बीज को निकाल दें। इस घोल में प्याज, शिमला मिर्च और टमाटर भी डालकर मिलाएं। बाउल को ढककर एक घंटे के लिए फ्रिज में रख दें।
गोभी की कलियों को काटकर धो लें और चार से पांच मिनट तक भाप में पका लें। गोभी को भाप में पकाने से मसले बहतर तरीके से उसमे समा पते हैं। भाप में पकी हुई गोभी को एक बड़े से बरतन में निकाल लें। उस बरतन में तेल के अलावा अन्य सभी सामग्री डालें और हल्के हाथो से मिलाएं। बरतन को ढककर आधे घंटे के लिए छोड़ दें।
अन्ननास मशरूम टिक्का बनाने के लिए पहले मशरूम को धो लें और शिमला मिर्च के बीजों को निकल दें। शिमला मिर्च,प्याज और अन्ननास को चौकोर आकर में काट लें। अब एक बरतन में इन तीनों को डालें और उसमे बेसन,दही,नमक,अदरक लहसुन पेस्ट,हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, तंदूरी मसाला पाउडर,कस्तूरी मेथी,नीबू का रस और एक चम्मच तेल डालें।
पैन में तेल गर्म करें। बादाम को छोटे -छोटे टुकड़े में काटें और सुनहरा होने तक तलें। काजू और किशमिश को भी इसी तरह से तल लें। भुने हुए मेवों को एक बरतन में रख लें उसी पैन में थोड़ा -सा तेल और डालें। जब तेल अच्छी तरह से गर्म हो जाए तो थोड़ी -थोड़ी मात्रा में पोहा को लेकर गर्म तेल में डालें और कुरकुरा होने तक तलें। तले हुए पोहे को टिश्यू पेपर पर निकालकर रखती जाएं। अब एक बड़े बाउल में सभी सामग्री को डालकर मिलाएं और मिश्रण को ठंडा होने दें जब मिश्रण ठंडा हो जाये तो उसे एयरटाइट डिब्बे में डालकर स्टोर करें। और रोज शुबहा नास्ते में सर्व करें।
अगर आप नॉनवेज खाने के शौकीन हैं तो यह डिश आपको बहुत ही पसंद आएगी। आप अपनी उंगलियों को चाटते रह जाएंगे। और इसे बनाना भी आसान है आप इसे नान, रोटी, चावल, किसी के भी साथ खा सकते है।
एक बड़े बर्तन में कीमा ,दही, लहसुन, अदरक, पेस्ट ,लाल मिर्च पाउडर ,गरम मसाला ,और नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं। और मसाले के मिश्रण किये हुए कीमा को 45 मिनट के लिए रख दें। फिर पैन में तेल डालकर कर गर्म करे और तेल गर्म फिर इसमें मिक्स किया हुआ मटन कीमा को डालकर चलाते हुए पकाएं 15-20 मिनट तक पकाएं फिर उतार दें और किमे को बराबर हिसो में बाट लें। और एक दूसरे बरतन आटा,दही,नमक,और थोड़ा – थोड़ा पानी डालकर मुलायम आटा गूंद कर कुछ देर तक के लिए छोड़ दें। और बराबर लोइयां बनाकर मोटी रोटियां बेलकर तवे पर धीमी आंच पर एक -एक करके सेके फिर चॉपिंग बोर्ड पर रखें इस पर हरी चटनी, चिली सॉस और टोमेटो सॉस लगाएं। फिर एक हिस्सा मटन कीमा ,कुछ प्याज के टुकड़े, नींबू का रस और चाट मसाला छिड़ककर रोल तैयार करे। रोल को टिश्यू पेपर या रैप पेपर में लपेट कर सर्व करे
कड़ाही में घी गर्म करें और उसमे हरे चने के पेस्ट को मध्यम आंच पर सात से आठ मिनट तक भुने। चीनी और इलायची पाउडर मिलाकर मिश्रण को लगातार मिलते हुए पकाएं। जब हलवा कड़ाही में चिपकना छोड़ दे तो गैस बंद कर दें। छोटी कड़ाही में एक चम्मच घी गर्म करें और सूखे मेवों को भून लें। भुने हुए मेवों को तैयार हलवे में डालकर मिलाएं और सर्व करें।
आपको यह तो पता होगा की बंगाल में मछली बहुत ही चाव से खाई जाती है और आपको मछली से बनने वाली स्वादिष्ट रेसिपी के बारे में बतायेगे। इस डिस को बनाना काफी आसान है अगर आप मछली खाने के शौकीन हैं तो नेस्क्ट टाइम इस बंगाली डिश को जरूर ट्राई करें। इसको बनाने के लिए आवशयक सामग्री जो इस प्रकार है
आपको यह तो पता होगा की करेला बहुत कड़वा होता है लेकिन करेले में बहुत सारे गूढ़ पाये जाते है करेले के जूस में औषधिय गुणों को भारतीय होम्योपैथिक में भी सराहा दी गयी है इसलिए होम्योपैथिक औषधि का मूल तत्व करेला ही है। करके दो प्रकार के होते है पीला करेला और हरा करेला। हरा करेला ज्यादा फायदेमंद होता है इस लिया हरे करेले का ही अधिक प्रयोग करना चाहिए। और एक बात का भी ध्यान रखना की करेला सूखा न होना चाहिए क्योकि सूखे करेले में औषधिय गुण कम होते है करेला आपकी भूख और पाचनशक्ति को भी बढ़ाता है इसलिए जीन व्यक्तियों को भूख नहीं लगती उन्हें इसका उपयोग करना चाहिए। यह आपको बहुत ही आराम पहुचयेगा।
करेला कड़वा होता है इसीलिए काफी लोग करेले का कड़वपन दूर करने की लिए इसे छीलकर ,काटकर ,नमक लगाकर ज्यादा खाना पसंद करते है लेकिन करेले में नमक लगाने से उसके सभी गुण ख़तम हो जाते है। क्योकि करेले का कड़वापन ही रोगो को दूर करता है इसी कड़वेपन की वजह से शुगर के रोगियों को लाभ देता है। इसीलिए करेले का प्राकर्तिक रूप में ही सेवन करना चाहिए।
करेला हमारी सेहत के लिए बहुत ही पोस्टिक आहार है। क्योकि करेले में फास्फोरस की मात्रा अधिक पायी जाती है जो हमारे मस्तिष्क, हड्डी ,रक्त और शरीर के अन्य अंगो के लिए बहुत महत्तपूर्ण है।