करेले के जूस के फायदे और बनाने की विधि
आपको यह तो पता होगा की करेला बहुत कड़वा होता है लेकिन करेले में बहुत सारे गूढ़ पाये जाते है करेले के जूस में औषधिय गुणों को भारतीय होम्योपैथिक में भी सराहा दी गयी है इसलिए होम्योपैथिक औषधि का मूल तत्व करेला ही है। करके दो प्रकार के होते है पीला करेला और हरा करेला। हरा करेला ज्यादा फायदेमंद होता है इस लिया हरे करेले का ही अधिक प्रयोग करना चाहिए। और एक बात का भी ध्यान रखना की करेला सूखा न होना चाहिए क्योकि सूखे करेले में औषधिय गुण कम होते है करेला आपकी भूख और पाचनशक्ति को भी बढ़ाता है इसलिए जीन व्यक्तियों को भूख नहीं लगती उन्हें इसका उपयोग करना चाहिए। यह आपको बहुत ही आराम पहुचयेगा।
करेला कड़वा होता है इसीलिए काफी लोग करेले का कड़वपन दूर करने की लिए इसे छीलकर ,काटकर ,नमक लगाकर ज्यादा खाना पसंद करते है लेकिन करेले में नमक लगाने से उसके सभी गुण ख़तम हो जाते है। क्योकि करेले का कड़वापन ही रोगो को दूर करता है इसी कड़वेपन की वजह से शुगर के रोगियों को लाभ देता है। इसीलिए करेले का प्राकर्तिक रूप में ही सेवन करना चाहिए।
करेला हमारी सेहत के लिए बहुत ही पोस्टिक आहार है। क्योकि करेले में फास्फोरस की मात्रा अधिक पायी जाती है जो हमारे मस्तिष्क, हड्डी ,रक्त और शरीर के अन्य अंगो के लिए बहुत महत्तपूर्ण है।
जोड़ों में दर्द :- जितना करेला फायदा करता है उसे ज्यादा उसके पत्ते करते है करेले के पत्तों का जूस पिये या मालिश करें। और गठिया के सूजन पर लेप करें आराम मिलेगा।
चर्म रोग–त्वचा के रोगों में :-करेले का रोज नयमित सेवन करने से लाभ होगा। और करेले का जूस पिने से शरीर में खुजली जैसी बीमारी भी ठीक हो जाएगी। और करेले के रस में लहसुन का रस और सरसों का तेल मिलके मालिश करें करेले के जूस का सेवन करने से फुन्सी ,घमोरी ठीक हो जाती है
रक्त साफ :- करेले के जूस का रोज सेवन करने से आप का रक्त साफ होगा और पाचनशक्ति भी बढ़ेगी।
एसिडिटी :- रोज करेले के जूस में एक चम्मच पिसा हुआ आंवला पाउडर मिलाकर सेवन करने से एसिडिटी में भी आराम मिलेगा।
गले में आराम :- सिरके में थोड़ा सा करेले का पाउडर मिलाकर गले पर लेप करो आराम होगा
मोटापा में कंट्रोल :- रोज शुबहा करेले का रस और उसमे आधा कप पानी में डालकर रोज पने से वजन कम होगा।
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